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Mangal Dosha

मंगल दोष क्या है?

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार कुंडली में मंगल दोष, मंगल की स्थिति के आधार पर निर्भर करता है। वैवाहिक जीवन के लिए मंगल दोष का प्रभाव बेहद घातक होता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मांगलिक दोष के बारे में यह विश्वास है कि जिस जातक की कुंडली में मंगल दोष होता है उन्हें मांगलिक जीवन साथी से विवाह करना सफल माना जाता है।

कुंडली में मंगल दोष के बनने की स्थिति

मांगलिक दोष बहुत ही प्रभावशाली दोष माना जाता है। मंगल ग्रह की स्थिति व दृष्टी दोनों ही मारक प्रभाव रखते हैं। मंगल की कुंडली में विशेष भाव स्थिति मंगल दोष को उत्पन्न करती है। जब मंगल कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें एवम बारहवें स्थान में स्थित हो तो व्यक्ति मंगल दोष से युक्त होता हैं। मंगल का इन स्थानों में स्थित होने का मतलब है कि विवाह स्थान पर मंगल का प्रत्यक्ष प्रभाव पडना।

मांगलिक दोष के प्रभाव

  • मांगलिक जातक के विवाह में देरी होना।
  • मंगल दोष से प्रभावित जातक के विवाह संबंध तय होने के बाद टूट जाना।
  • शादी -विवाह में किसी प्रकार का विघ्‍न आना।
  • शादी के बाद जीवनसाथी के साथ अनबन होना एवं संबंधों में खटास आना।
  • गृहस्थ जीवन में काफी परेशानियां आती हैं।

मांगलिक दोषों के निवारण हेतु उपाय

  • मंगल दोष से प्रभावित जातक को मांगलिक दोष से प्रभावित जीवन साथी से ही विवाह करना चाहिए तभी आपका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।
  • यदि कोई मांगलिक जातक सामान्‍य ग्रह वाले व्‍यक्‍ति से विवाह करना चाहे तो ऐसी स्थिति में मांगलिक जातक को 'पीपल' विवाह, कुंभ विवाह, शालिग्राम विवाह तथा मंगल यंत्र का पूजन आदि करना चाहिए। इस उपाय से मंगल का दोष जातक पर से उतर जाता है।
  • पक्षियों को दाने की साथ साथ खाने के लिए मिठाई भी डालें।
  • मंगल दोष से प्रभावित जातक को हनुमान चालीसा का पाठ और मंगल यंत्र की पूजा करना बहुत ही लाभदायक माना जाता है।
  • दूध और मिठाई का मिश्रण करके बरगद की पूजा करें तो मंगल दोष को कम करने में लाभदायक होता है।
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