यह एक बहुत ही सुंदर 7 चक्र रत्न माला है। यह माला हमारे शरीर के सात मुख्य चक्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले सात अलग-अलग रंगों के अर्ध-कीमती रत्नों से बनी है। माना जाता है कि माला को चिकित्सा विज्ञान के अनुसार सात चक्रों (रूट, सच्चर, गला, शक्ति, हृदय, तृतीय नेत्र और क्राउन) को सक्रिय किया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु तथा केतु को सौरमंडल के नवग्रह कहा जाता है। इस माला को धारण करने से बुरे प्रभाव को कम किया जा सकता है।
हमारे ज्योतिष में ऐसे कई चीज़ों का वर्णन किया गया है जो सौभाग्य लाती हैं। नवग्रह माला नौ ग्रहों के अशुभ प्रभावों को दूर करके शुभ प्रभाव देती हैं।
ज्योतिश्नुसार रत्नों को धारण करना जीवन में बहुत कारगर माना जाता है और आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलती है। रत्नों के संसार में लाल मूंगा का बहुत ही महत्व है। मूंगा धारण करने से रोगों से लड़ने में शक्ति मिलती है और नकारात्मक प्रभाव भी समाप्त हो जाता है। मूंगा का सम्बन्ध मंगल ग्रह से होता है और लाल मूंगे की माला को मंगलवार के दिन ही धारण करना शुभ माना जाता है।
लहसुनिया केतु का रत्न है, जो अत्यंत सुन्दर और चमकीला होता है। केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए लहसुनिया को धारण किया जाता है। इसको अंगरेजी में केट्स आई (Cat's Eye) भी कहा जाता है। लहसुनिया सफ़ेद, पीला, काला और हरे रंग में पाया जाता है। हर रंग के लहसुनिया में धारियां होती हैं। लहसुनिया रत्न भी खान से निकाला जाता है और इसकी खानें भारत, अफ्रीका, श्री लंका और ब्राजील में हैं। यह बिल्ली की आँख की तरह दिखाई देता है इसलिए इसको केट्स आई कहा जाता है।
जैसा कि हमने पहले भी बताया कि प्रचुरता में उपलब्ध होने के कारण इस रत्न को अब सेमी प्रीशियस स्टोन में रखा गया है। यह बेहद सुंदर और प्रभावशाली रत्न है। ज्योतिषीय लाभ के अलावा ज्वेलरी में भी इस स्टोन का इस्तेमाल किया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में जामुनिया रत्न बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। जामुनिया रत्न बहुत ही सुन्दर और आकर्षक रत्न होता है। संकट के समय जल्दी हार मान जाने वालों के लिए जामुनिया रत्न बहुत ही कारगर होता है और उन्हें संकट से बाहर निकलने में मदद करता है। यह रत्न आपको मुश्किल परिस्थितियों में लड़ने और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार हकीक बहुत ही लाभदायक रत्न होता है और जातक को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त रखता है। ज्योतिष शास्त्र में भूत प्रेत, नजर रक्षा, मानसिक तनाव, नकारात्मक ऊर्जा, बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए सुलेमानी हकीक को बहुत ही सार्थक माना गया है। सुलेमानी हकीक एक काले रंगा का अपारदर्शी पत्थर होता है और इसमें हलके धारियां भी होती है।
सुलेमानी हकीक की माला बनाकर पहनने से सभी प्रकार के कष्ट मिट जाती हैं क्योंकि यह रत्न बहुत ही प्रभावशाली होता है। सबसे अच्छी बात इस रत्न के बारे में यह है की इसको धारण करने से कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है। आइये जानते हैं सुलेमानी हकीक माला के ज्योतिषीय लाभ
रुद्राक्ष और पारद धातु भगवान् शिव को अधिक प्रिय होते है। शिवपुराण के अनुसार पारा धातु को भगवान शिव का वीर्य कहा गया है। शास्त्रों के अनुसार पारद को साक्षात् शिव कहा गया है। रुद्राक्ष और पारद से मिलकर बनी रुद्र माला भगवान शिव को प्रसन्न करने का चमत्कारिक उपाय है। इस माला के और भी कई लाभ हैं। रूद्र पारद माला को विधि विधान से धारण करने से घर में कभी दरिद्रता नहीं आती है।
पुराणों और शास्त्रों के अनुसार पारद माला भगवान शिव को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सबसे ज्यादा लाभकारी मानी जाती है। पारद माला भगवान शंकर की पूजा के लिए अभिन्न अंग मानी जाती है क्योंकि इसकी पूजा किए बिना आपको शिव पूजा का लाभ मिलना मुश्किल है। जिस घर में पारद माला धारण या उसकी पूजा होती है उनकी सभी इच्छाएं जल्दी ही पूरी होती हैं।
पाइराइट माला में चुम्बकीय आकर्षण होता है। और इसमें धन को खींचने की शक्ति होती हैं। पाइराइट नकारात्मक ऊर्जा, पर्यावरणीय प्रदूषकों और हानिकारक तत्वों से आपको सुरक्षा प्रदान करता है। आइये जानते हैं पाइराइट के ज्योतषीय लाभ
ग्रह मंडल में स्थित ग्रहों में सबसे चमकदार रत्न है चंद्रमा, चंद्रमा का रत्न मोती है। चंद्रमा मनुष्य के मन का कारक है। और इसका पूरा प्रभाव मनुष्य की सोच पर पड़ता है।
कर्क राशि के जातकों के लिए मोती रत्न बहुत ही लाभदायक होता है। मोती रत्न धारण करने से मन का शरीर के साथ ताल्लुक अच्छा रहेगा और आप चीज़ें बेहतर डायरेक्शन में ले जायेंगे। इसलिए मोती रत्न कर्क राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ होगा। इसके पहनने से मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। चंद्रमा मनुष्य के मन का कारक है। और इसे धारण करने पर क्रोध पर नियंत्रण, भयमुक्त जीवन और सुख बढ़ता है।
फिरोजा रत्न (Turquoise) बहुत ही आकर्षक और चमत्कारी रत्न होता है। यह रत्न गहरे नीले रत्न का रत्न होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फिरोजा रत्न बृहस्पति के लिए माना जाता है। फिरोजा धारण करने के बहुत ही चमत्कारी लाभ होते हैं।
2 मुखी या 2 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रूप का प्रतिनिधित्व करता है, जो भगवान शिव और देवी पार्वती का मिलन है। रुद्राक्ष अपने पहनने वाले की सभी इच्छाओं को पूरा करता है। और विशेष रूप से पति और पत्नी के बीच स्वस्थ संबंध के लिए बहुत फायदेमंद है।
ऐसा माना जाता है कि तीन मुखी रुद्राक्ष माला में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों शक्तियों का वास होता है। तीन मुखी रुद्राक्ष माला को अग्नि देव का स्वरुप भी माना जाता है। अभिमंत्रित तीन मुखी रुद्राक्ष माला को मंगल ग्रह से सम्बंधित माना गया है। ऐसा माना जाता है कि तीन मुखी रुद्राक्ष माला धारण करने वाला मोक्ष को प्राप्त करता है। और जीवन के सभी बन्धनों से मुक्त हो जाता है।
4 मुखी रुद्राक्ष माला को ब्रह्मा जी का स्वरुप मना जाता है। चार मुखी रुद्राक्ष माला को धारण करने से शिक्षा और ज्ञान में सफलता प्राप्त होती है। समरण शक्ति बढाने के लिए यह रुद्राक्ष माला बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता है। शिक्षा, आयकर और लेखाकर्म विभाग में काम करने वालों को यह रुद्राक्ष माला अवश्य धारण करना चाहिए।
5 मुखी रुद्राक्ष माला कालाग्नि के रूप में संसार में स्थापित है। इस पांच मुखी रुद्राक्ष माला पर पंच देवों की कृपा बरसती है, जिस कारण यह पंच तत्वों से निर्मित दोषों का नाश करता है। पंच देवों की कृपा होने के कारण से यह पांच मुखी रुद्राक्ष माला भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। पांच मुखी रुद्राक्ष माला को धारण करने से भगवान शिव, विष्णुं, गणेश, सूर्य और मां भगवती की कृपा प्राप्त होती है। इस रुद्राक्ष माला को बृहस्पति की कृपा के लिए भी धारण किया जाता है।
5 मुखी काले रुद्राक्ष की माला जिसका उपयोग बीमारियों को ठीक करने और अधिकतर नकारात्मकर ऊर्जा को समाप्त करने के लिए किया जाता है। 5 मुखी काले रुद्राक्ष की माला नकारात्मक प्रभावों के खिलाफ एक ढाल के रूप में कार्य करता है। यह मानसिक स्पष्टता का भी समर्थन करता है और व्यक्ति को अनुग्रह के लिए उपलब्ध कराता है। इस माला से दिमाग का विकास होता है और करियर में सफलता पाने के लिए यह माला बहुत ही असरदायक होती है। यह छात्रों, विद्वानों, शिक्षकों, लेखकों, पत्रकारों और शोधकर्ताओं के लिए अत्यधिक फायदेमंद है।
यह दुर्लभ ही पाए जाने वाली 5 मुखी काले रुद्राक्ष की माला होती है। आइये जानते हैं 5 मुखी काले रुद्राक्ष माला के ज्योतिषीय लाभ
छह मुखी रुद्राक्ष माला को भगवान् गणेश जी और कार्तिकेय जी का स्वरुप माना जाता है। महाशिवपुराण के अनुसार ब्रह्म हत्या आदि के पापों से मुक्ति प्रदान करने में यह रुद्राक्ष माला सहायक सिद्ध होता है। छह मुखी रुद्राक्ष माला को धारण करने से भगवान शिव, कार्तिकेय और शुक्र ग्रह की कृपा मिलती है।
7 मुखी रुद्राक्ष माला के अधिपति देवता माँ लक्ष्मी जी है। इस रुद्राक्ष माला का शुक्र ग्रह पर आधिपत्य होता है। 7 मुखी रुद्राक्ष माला धारण करने से धन - सम्पद्दा और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। 7 मुखी रुद्राक्ष माला धारण करने से लगातार ऐश्वर्य और मान - सम्मान में वृद्धि होती है।
8 मुखी रुद्राक्ष में, आठ एक सामान और सीधी रेखाएं होती है अगर रेखाएं सीधी हैं तो उस रुद्राक्ष को असली और प्राकृतिक रुद्राक्ष माना जाता है।
8 मुखी रुद्राक्ष को गणेशजी का स्वरुप माना गया है। ज्योतिष शास्त्रों और हिन्दू पुराणों में रुद्राक्ष की महिमा का वर्णन किया गया है। आठ मुखी रुद्राक्ष से बनी 108+1 दाने की माला धारण करने से सुखों में वृद्धि होती है और सभी रोगों से मुक्ति मिलती है। आठ मुखी रुद्राक्ष माला में बहुत ही शक्ति होती है तो जातक को अच्छे निर्णय लेने में मदद करती है। शिव पुराण में सभी प्रकार के रुद्राक्ष के सकारात्मक प्रभाव के बारे में वर्णन किया गया है।
नौ मुखी रुद्राक्ष अध्यात्म और भौतिक दोनों पहलुओं के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। नवरूपी माँ दुर्गा को 9 मुखी रुद्राक्ष समर्पित है। ये रुद्राक्ष जीवन के सभी सुखों और मोक्ष को पाने में मदद करता है। नौ मुखी रुद्राक्ष माला में मां दुर्गा की शक्तियां समाहित हैं।
राहू से सम्बंधित होने के कारण यह रुद्राक्ष आपको आने वाली सभी दिलाता है और सफलता के सारे मार्ग खोलता है। काल सर्प योग को दूर करने में भी नौ मुखी रुद्राक्ष माला का बहुत ही उपयोग होता है और बहुत ही शक्तिशाली माना जाती है। जिस व्यक्ति को अधिक तकलीफों का सामना करना पड़ता है उस व्यक्ति को 9 मुखी रुद्राक्ष माला अवश्य धारण करनी चाहिए। आइये जानते हैं नौ मुखी रुद्राक्ष माला के ज्योतिषीय लाभ
10 मुखी रुद्राक्ष पर भगवान विष्णु का आधिपत्य रहता है। श्रीमद् देवीभागवत पुराण के अनुसार 10 मुखी रुद्राक्ष को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त है। अभिमंत्रित 10 मुखी रुद्राक्ष में भगवान विष्णु के दस अवतारों की शक्तियां समाई हुई हैं। 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जातक के धन, प्रतिष्ठा में वृद्धि और सर्व कार्य सिद्ध हो जाते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में स्फटिक को माँ लक्ष्मी का वरदान माना गया है। इसको धारण करने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती है। और ग्रहों के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए भी स्फटिक माला को धारण किया जाता है। स्फटिक एक रंगहीन, पारदर्शी पत्थर होता है, जो कि सफेद रंग का चमकदार दिखाई देता है। देखने में कांच जैसा प्रतीत होने वाले स्फटिक पत्थर से विशेष कटिंगदार मनके बनाकर मालाएं भी बनाई जाती हैं। स्फटिक माला को अभिमंत्रित करने के बाद धारण करने से ही माला के सम्पूर्ण लाभ मिलते है।
7mm Round | 17-18inch |
7mm Diamond Cut | 16-17inch |
8mm Diamond Cut | 18-20inch |
रुद्राक्ष को भगवान शिव का आशीर्वाद माना गया है। रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रुओं से हुई है। लक्ष्मी रुद्राक्ष माला स्फटिक और रुद्राक्ष से बनी हुई होती है इसलिए इस माला को धारण करने वाले पर महालक्ष्मी और भगवान शिव का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है ।
लाल गुंजा माला पर काला दाग होता है और माँ लक्ष्मी की कृपा होती है। लाल गुंजा माला का प्रयोग तांत्रिक कार्यों में उपयोग किया जाता है। लाल गुंजा माला में बहुत आकर्षक शक्तियां होती है। लाल गुंजा माला को धारण करने से आप किसी भी व्यक्ति को आकर्षित कर सकते हैं। लाल गुंजा माला के प्रयोग से दुश्मनों को वश में कर सकते हैं। घर में सुख शांति और समृद्धि के लिए भी धारण किया जाता है। आइये जानते हैं सिद्ध लाल गुंजा माला के लाभ
तांत्रिक ग्रंथों और पुस्तकों में कई तरह के वस्तुओं का उल्लेख मिलता है जो प्राकृतिक रूप में जंगलों में पेड़-पौधों से प्राप्त होता है। उन्हीं में से एक है काली गुंजा। काली गुंजा का तांत्रिक ग्रंथों में अनेक प्रकार के प्रयोगों में उपयोग किया जाता है। काली गुंजा को आकर्षण, सम्मोहन और वशीकरण करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। काली गुंजा से बनी हुई माला धारण करने से स्त्री-पुरुषों के साथ-साथ धन को भी अपनी ओर आकर्षित किया जा सकता है, बल्कि काली गुंजा की माला धारण करने से अनेक प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। यह अपना रंग बदलकर धारण करने वाले पर आने वाले संकट की सूचना भी देती है।
ज्योतिषशास्त्र में सभी ग्रह से संबंधित एक-एक रत्न और उनके उपरत्न बताए गए हैं। ये सभी रत्न परेशानियों के समय इन्हें धारण करने वाले व्यक्ति को लाभ पहुंचाते हैं। इसी प्रकार पीले हकीक की माला धारण करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। यह माला बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए धारण की जाती है। जीवन में सुख समृद्धि पाने और सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने में यह माला अत्यंत लाभदायक मानी जाती है।
हकीक कई रंगों में पाया जाता है, इनमें मुख्य रंग छह प्रकार के होते हैं। ये रंग हैं काला, सफेद, पीला, लाल, हरा और नीला। अलग-अलग ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति के लिए अलग-अलग रंग के हकीक पहनने की सलाह दी जाती है, लेकिन पीले हकीक की माला को देवों के गुरु बृहस्पति देव का आशीर्वाद पाने के लिए धारण किया जाता है।
लाल हकीक माला आत्म विश्वास बढ़ाने के लिए धारण किया जाता है। लाल हकीक माला बहुत ही आश्चर्यजनक प्रभाव दिखाती है। लाल हकीक माला जातक को सभी तरह की बाधाओं से दूर रखती है। आइये जानते हैं लाल हकीक की माला के लाभ
हकीक कई रंगों में पाया जाता है, इनमें मुख्य रंग छह प्रकार के होते हैं। ये रंग हैं काला, सफेद, पीला, लाल, हरा और नीला। अलग-अलग ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति के लिए अलग-अलग रंग के हकीक पहनने की सलाह दी जाती है, लेकिन लाल हकीक की माला को देवों के गुरु मंगल देव का आशीर्वाद पाने के लिए धारण किया जाता है।
हरे हकीक की माला में जबर्दस्त हीलिंग प्रॉपर्टी होती है। हरे हकीक की माला मानसिक परेशानियों से आराम दिलाता है। हरे हकीक की माला आपको अच्छे निर्णय लेने में मददगार साबित होता है और एकाग्रता में वृद्धि होती है। आइये जानते है हरे हकीक की माला के ज्योतिषीय लाभ
शनि जप माला काले हकीक के दानों के बनायी जाती है। शनि जप माला धारण करने वालों पर भगवान् शनि की विशेष कृपा रहती है। और अलग - अलग ग्रहों के वजह से आने वाली समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
वैजन्ती सफेद बीज है। जो केवल मथुरा (भगवान कृष्ण की भूमि) के आसपास ब्रज के जंगलों में पाए जाते है। जहां भगवान और देवी अनन्त आध्यात्मिक प्रेम में रहते हैं। वैजयंती माला भगवान कृष्ण की पसंदीदा माला है। और भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए इस माला से भगवान् का पाठ करना सबसे उत्तम माना गया है। वैजन्ती माला को विजय की माला भी कहा जाता है। वैजयंती माला का उपयोग आध्यात्मिक शक्ति, और आकर्षण के लिए किया जाता है। वैजयंती माला विजय और जीत का प्रतीक है। वैजयन्ती माला वैजयंती के बीजों से बनती है। इसे पूजा - पाठ, यज्ञ, हवन में प्रयोग किया जाता है। यह अभिमंत्रित मला वैसे तो हर कोई धारण कर सकता है। और आपके कार्य सिद्ध कर सकता है। लेकिन इस माला को ज्यादातर माँ लक्ष्मी के भक्त और वैष्णव लोग ही धारण करते है।
कमल के फूल का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है। कमल के फूल के बीजों की माला को कमल गट्टे की माला कहा जाता है। चंदन, तुलसी और कमलगट्टे तीनों में से कमलगट्टे की माला को घर में अवश्य रखना चाहिए। कमल के पांच अंगों में देवी कमला का वास होता है। इन सभी पंचो बीजों में से माँ को कमल का बीज सर्वाधिक पसंद है, जिसको कमल गट्टा भी कहा जाता है।
हल्दी माला को हरिद्रा गांठ से तैयार किया जाता है। हल्दी की माला को धारण करने से भाग्य आपका साथ कभी नहीं छोड़ता है। जिन जातकों का भाग्य साथ नहीं देता है, तो उन जातकों को हल्दी माला धारण करना चाहिए। अभिमंत्रित की हुई हल्दी माला धारण करने से गुरु मजबूत होता है और गुरु ग्रह से सम्बंधित सभी दोष नष्ट हो जाते हैं। आइये जानते हैं हल्दी माला के लाभ
हिंदू धर्म में चंदन देव पूजा का प्रमुख भाग है। चन्दन 2 प्रकार का होता है, रक्त और स्वेत। आम बोलचाल की भाषा में इसे सफेद चंदन और लाल चंदन के नाम से जाना जाता है। आज हम जानेंगे सफ़ेद चन्दन माला के गुणों के बारे में। सफ़ेद चन्दन माला को सुख-सौभाग्य, आयु और स्वास्थ्यवर्धक बताया गया है। सफ़ेद चन्दन माला में कई औषधीय गुण होते हैं इसलिए भी इसे पूजा में शामिल किया जाता है। सफ़ेद चन्दन माला की धूप, चंदन का तिलक, चंदन का इत्र, चंदन का अर्क आदि पूजा में शामिल किया जाता है। यहां हम बात करने वाले हैं केवल सफ़ेद चन्दन माला की। शास्त्रों में कहा गया है सफ़ेद चन्दन माला से किए गए मंत्र जप शीघ्र फल देते हैं।
लाल चन्दन माला माँ दुर्गा के जाप के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। इससे मंगल ग्रह के दोष भी दूर होते हैं। तुलसी और चंदन की माला विष्णु, राम और कृष्ण से संबंधित जपों की सिद्धि के लिए है। लाल चन्दन माला नौकरीपेशा लोगों का प्रमोशन पाने में लाभदायक होती है। आइये जानते हैं लाल चन्दन माला के लाभ
हिंदू परंपरा और शास्त्रों के अनुसार, तुलसी की लकड़ी सभी लकड़ियों में सबसे पवित्र मानी जाती है। पवित्र तुलसी के पौधे का उपयोग माला या तुलसी माला बनाने के लिए किया जाता है। तुलसी से बनी माला पहनने वाले जातक को हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। तुलसी माला गले में धारण करने के लिए बहुत ही पवित्र चीज मानी जाती है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि तुलसी माला में आध्यात्मिक शक्ति होती है। तुलसी की जड़ें कमर में बाँधने से स्त्रियों को, विशेषतः गर्भवती स्त्रियों को लाभ होता है। प्रसव वेदना कम होती है और प्रसूति भी सरलता से हो जाती है। आइये जानते है तुलसी माला के लाभ
पुराणों के अनुसार शालिग्राम को भगवान विष्णु का अवतार मन गया है। कहा जाता है शालिग्राम में भगवान विष्णु के दश अवतार समाहित है। शालिग्राम नेपाल में गंडकी नदी से लाया गया एक काला पत्थर है। यह विष्णु भक्तों द्वारा पूजित सबसे पूजनीय पत्थर है। यह माना जाता है कि लाखों साल पहले शालिग्राम पत्थर का निर्माण हुआ था जब हिमालय अभी भी महासागर का फर्श था। उन्हें दुनिया भर के मंदिरों और परिवारों में पूजा जाता है।
शालिग्राम ना तो किसी से दान में लेना चाहिए और न ही किसी को दान में देना चाहिए आप इसे अपनी परिश्रम की कमाई से ही ख़रीदे।
लावा बीड्स को धारण करने से आध्यात्मिक, मानसिक और भावनात्मक शांति मिलती है। लावा बीड्स माला जातक के जीवन में नयी ऊर्जा का संचार करता है। लावा बीड्स माला को धारण करने से बुरी नजर और भय से बचाता है। आइये जानते हैं लावा बीड्स माला के ज्योतिषीय लाभ